सालाना बढ़ोत्तरी
ए भैया सही सही बताओ । अच्छा इतना बता देओ कि बता रहे हो या डरा रहे हो । पिछले कुछ हफ्तों से देख रहे हैं कि दो चार दिन में अख़बार में दीदार करा ही देते हो । अगर करना ही है तो कर दो भैया या फिर मौसम बना रहे हो ।
मल्लब हद हो गई यार ये मंहगा हो गया वो मंहगा हो गया । सब कुछ तुम्हारे लिए ही मंहगा हुआ है??? तुम्हारा चेहरा देख के सबने मंहगाई बढ़ा दी??? तुमसे दुश्मनी है सबकी??? नहीं तो और कोई कम्पनी काहे नहीं चिल्ला रही ।
और ये बताओ कि ये बात केवल दैनिक जागरण को ही काहे बताते हो । बाकियों से दुश्मनी है या जागरण से कोई दोस्ताना है या फिर कर्जा लिए हो । नया साल आने से पहले हर साल ऐसे ही सुबकने लगते हो । देखो बढ़ाना है तो बढ़ा देओ लेकिन यूँ रोया न करो । कह रहे हो कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है । कभी ये नहीं बताए कि किसी माल की कीमत में गिरावट भी आई है । आपकी माने तो कीमतों का ग्राफ केवल ऊपर ही जाता है बाकी नीचे आने का तो रास्ता ही नहीं है ।
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नये साल के उगते ही भारी बढ़ोत्तरी करोगे!!! मतलब अगर अभी करोगे तो हल्की करोगे । ऐसा है तो अभी कर दो । क्या मजाक करते हो भैया । मजाक के लिए कपिल शर्मा है हमारे पास । पर्याप्त है वो । ऊपर से कह रहे हो कि कच्चे माल की कीमत पिछले साल भी बढ़ी थी लेकिन तब कार बाजार की हालत बेहद खराब थी इसलिए बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला गया था । यानि इस बार बाजार की हालत बेहतर है । तभी तो बोझ ग्राहकों पर डालोगे ।
लेकिन भैया जरा अपनी खोपड़िया पे जोर डालोगे तो याद आयेगा कि पिछली साल भी यही कैसेट चलाये थे तुम ।
वाह चित भी मेरी पट भी मेरी ।
जो करना है करो लेकिन भैया यूँ भूतों की तरह जब तब आके डराया न करो । क्या है कि दिल जरा कच्चा है जी । और तो कुछ नहीं लेकिन यूँ करते हो ना तो धुकधुकाने लगता है ।
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फ़ोटो साभार: दैनिक जागरण
तिथि: 21/12/2020
--नितेन्द्र वर्मा
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