अंकुर पटेल |
इस ब्लॉग पर निरंतर अपनी लेखन कला का परिचय देते रहने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी अंकुर पटेल की लिखी नयी कविता "मेरी ज़िन्दगी"....
मेरी ज़िन्दगी
कल्पना के तार को
एक नया श्रृंगार दो
जग के हर प्राणी को
तुम राम जैसा प्यार दो।
अल्पना
के द्वार से
स्नेह
से पुकार के
आकाश
से स्वर्ग को
तुम
धरती पर उतार दो।
ज़िन्दगी के साज को
स्वरों की आवाज़ को
संगीत से संवार कर
गीत सा निखार दो।
पलकों से निकले अश्रु को
मोतियों का नाम दो
बढ़कर आगे से तुम
इन मोतियों को थाम लो
आओ मेरी ज़िंदगी को
एक नया आयाम दो
प्यार के बदले में तुम
मुझे प्यार का प्रतिदान दो।
- "अंकुर पटेल"
Student, B.Sc.
(H), Physics,
Deen Dayal
Upadhyaya Colege, Delhi
(यह कविता e-mail द्वारा प्राप्त | यदि आपके पास भी है कोई ऐसी ही कविता, ग़ज़ल, कहानी या लेखन से जुड़ा कुछ और तो भेज दें e-mail id nitendraverma@gmail.com पर | )
Behetreen kavita...
ReplyDeleteबेहद सुन्दर...
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