मेरी जल्द ही प्रकाशित हो रही नई किताब "कंपू 007..a topper's tale" के कुछ चुनिन्दा अंश
आप सब के लिये | उम्मीद है आप सबको पंसद आयेंगे | अगर आपको पसन्द आये
तो कमेंट और लाइक में कंजूसी न करें....
Sample
2:
‘भाई लोगों स्वागत करो हमारे नये स्टार आये हैं...’ निशांत ने हाथ जोड़ते
हुए कहा |
‘हमसे पहले इनका स्वागत करो जो लगातार दूसरी बार स्टार बने हैं...’ अनूप दण्डवत होते हुए
बोला |
‘पिछली वाली कब की क्लियर हो गई...और तुम तो ठहरे smart guy तुम्हारी बैक कैसे आ
गई ?’ निशांत
ने फिर हमला बोला |
‘अब का करें बिना स्टार के मार्कशीट कुछ अधूरी अधूरी लगती है ना इसलिये...’ मैंने भी बहती गंगा में
हाथ धोने की कोशिश की |
‘तुम्हारा दिमाग बड़ा हवा हवाई हो रहा है | इसे कहते हैं
घमण्ड...लेकिन एक बात लिख लो ये जो स्टार हम लोगों को मिला है ना वो काले टीके की
तरह है जो हमें तुम जैसों की बुरी नजर से बचाएगा | देखना एक दिन यही स्टार
हमें नौकरी दिलायेगा और तुम अपनी कोरी मार्कशीट को देख के आँसू बहाओगे | क्यों बे निशांत बोलता
काहे नहीं बे ?’ अनूप के जवाब में तल्खी और जलन साफ़ झलक रही थी |
‘Yes you
are right. But I have a question…बहुत देर से अंदर ही कुलबुला रहा है साला...बाहर
निकालना ही पड़ेगा | यार ये तेरी और रेहाना की बैक same सब्जेक्ट में क्यों?’ निशांत ने अनूप पर ही
बड़ा वाला बम दाग दिया |
‘’हम्म...’ वहां मौजूद सभी लोगों
के मुँह से एक साथ निकला |
‘अबे कल्याणपुर...कभी combined study का नाम सुने हो ? हम दोनों ने उस पेपर
में combined study की थी...’ अनूप ने रेहाना की ओर तिरछी नजर डालते हुए धीमे से
बताया |
‘बेटा हरबंस मोहल...हमें न करनी ऐसी combined study’ निशांत बोला |
‘अच्छा बच्चू उसी का रिजल्ट है ये...’ मेरा मुँह खुला रह गया |
‘मेरे ख्याल से असली रिजल्ट
तो नौ महीने बाद आएगा...’ मनीष बोल पड़ा |
हमारे ठहाकों से क्लास गूँज
पड़ी |
‘हंस लो भोसड़ी वालों...लेकिन
ऐसी combined class के लिये एक क्या पूरे five star लाने को तैयार हूँ | तुम लोग क्या जानो ? हुँह...बच्चे हो अभी...’ उसके चेहरे पर रहस्यमयी
मुस्कान थी |
मेरे लिये तो ये बेहद ख़ुशी
का दिन था | सुबह से बधाइयों का तांता
लगा था | सारे दोस्त, टीचर सब बधाइयाँ देने में लगे थे | एमबीए के तीसरे सेमेस्टर में क्लास टॉप किया था
मैंने | मैं खुशियों के सातवें आसमान में उड़ रहा था..तब
तक जब तक मुझे बधाई देने मुस्कुराती बलखाती गीतिका नहीं आ गयी | अब तो मेरी खुशियाँ एक माला ऊपर चढ़कर आठवें
आसमान तक पहुँच चुकी थीं |
मेरे सामने गोरी, चिट्टी, मोहक मुस्कान बिखेरती गीतिका आई तो अपने होशो
हवास ही खो बैठा | पिछले दोनों सेमेस्टर में
टॉपर रही गीतिका हाथ मिलाने के लिये मुझसे कुछ ही दूरी पर खड़ी थी | मैं बेवकूफ़ों की महफ़िल से उठकर उसके पास आ गया |
“Many many congrats...” शहद की चासनी में घुली उसकी आवाज सुन आसमान में तैर रहा मैं धड़ाम से
वास्तविकता के धरातल पर उतर आया | उसके कोमल हाथों का स्पर्श...आह्ह...उस रेशमी एहसास ने मेरे दिलो दिमाग पर
अवैध कब्ज़ा कर लिया था | नशा सा छा गया था वो भी ऐसा कि पूरा दिन मुझे कुछ होश ही नहीं रहा | बस उसी में खोया रहा |
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‘भाई के तो एल लग गये...’ अगले दिन क्लास में घुसते ही बीसी अड्डे से
निशांत की आवाज मेरे कानों तक आई |
‘का बे बंडू झाम...सुबह से
कोई मिला नहीं...एल हमारे नहीं तुम्हारे लगे हैं...रिजल्ट याद है या भूल गये ?’ मैं उस पर भड़क उठा |
‘भड़क काहे रहा है बे ? पहले पूरी बात समझ...यहाँ एल का वो मतलब नहीं है
जो तू समझ रहा है... Here ‘L ‘stands for Luck…समझा?’ अनूप ने निशांत का
बचाव किया |
‘अच्छा वो कैसे ? जरा समझाने का कष्ट करेंगे गुरूजी ?’ मैं बोला |
‘भाई प्यासे के पास कुआँ खुद चल कर आ जाये तो उसे लक नहीं तो और क्या
बोलेंगे...’ मनीष बोला |
‘प्यासा...कुआँ...का बके जा रहे बे ? रात की अभी तक उतरी
नहीं या सीधे चढ़ा के आ रहे हो ?’ मैंने सूंघते हुए मुँह सिकोड़ लिया |
‘आजकल पढ़ाई का स्टैण्डर्ड कितना गिर गया है ना ? क्यों भाई लोगों ?’ अनूप बोल पड़ा |
उसे
घेरे खड़े सारे बकलोलों ने उसकी हाँ में हाँ मिलाई |
‘छिः कैसे कैसे लोग टॉपर बन जाते हैं ? मैं तो कहता हूँ ऐसे
लोगों से टॉपर का तमगा छीन कर हमें दे देना चाहिये |’ अनूप मेरी ओर देखकर
बोला |
‘यार...कल हमारी पिछली टॉपर...अबे अपनी क्लास की माल रोड गीतिका ने खुद आकर
अपने रोहन भैया से हाथ मिलाया |’ निशांत ने चटखारे लेकर सबको समझाया |
‘गज्जब...अबे हम जैसों को तो ऐसे घूरती है जैसे हम एलियन हों...तू वाकई लक्की
है भाई...’ मनीष ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा |
‘अबे तो तुम लोगों की काहे सुलग रही है ? टॉपर हूँ तुम जैसों की
तरह star performer नहीं |’ मैं बोलकर अकेले ही हंस लिया |
‘अच्छा भाई हमारे दिमाग में एक सवाल आ रहा है | सोचो topper +
topper
क्या होगा ?’ निशांत ने ऊपर की ओर देखते हुए सवाल पूछा |
‘नहीं...नहीं...Topper * topper क्या होगा?’ रजत ने सवाल में थोड़ा
सुधार किया |
‘The
answer is so simple. Topper * topper is equal to the twin topper.’ अनूप ने प्रेग्नेंट
लेडी की तरह पेट फुलाते हुए जवाब दिया |
मेरे
अलावा बाकी सब ठट्टा मार के हंस पड़े |
मुझे
लेकर किया मजाक तो मैं बर्दाश्त कर सकता था लेकिन गीतिका को लेकर ऐसा घटिया मजाक
मुझे कतई बर्दाश्त नहीं था | मैं वहीं पिल पड़ता अगर आरती मैम ने क्लास में एंट्री
न कर ली होती |
पलक
झपकते ही सब अपनी अपनी सीटों पर पहुँच चुके थे | आरती मैम जो अपनी जुबान
से ऐसी धारदार आरी चलाती हैं कि हमारा आत्मसम्मान, आत्मविश्वास सब कुछ जड़
से काट कर रख देती हैं | उनकी आरी अच्छे भले इन्सान को ब्रेन हैमरेज का शिकार
कर दे | पूरे
कॉलेज में भोकाल टाइट कर रखा है |
जारी...
कंपू 007..a topper's tale
a novel by Nitendra Verma
लेखक विशेष: इसमें problem क्या है? http://www.abhisheksuryawanshi.com/2018/06/problem.html
ReplyDeleteये ब्लॉग पढिये।
बहुत शानदार कॉलेज लाइफ को बहुत सही शब्दों में उकेरा है पन्नो पर🙏
ReplyDeleteसाधुबाद