Menu bar

New Releasing soon...my new novel कंपू 007..a topper's tale कंपू 007...a topper's tale
New इस ब्लॉग के पोस्ट को मीडिया में देखने के लिये MORE menu के Milestone पर क्लिक करें..

Tuesday, October 13, 2020

एक और सौगात

 एक और सौगात

लीजिये सरकार को अचानक सरकारी कर्मचारियों की चिंता हो गई । इतनी चिंता कि माथे पर पसीने की बड़ी बड़ी बूँदें साफ़ देखी जा सकती हैं । LTC और फेस्टिवल एडवांस के रूप में सरकार ने कर्मचारियों की झोलियाँ भर दी हैं । इस बार सरकारी कर्मचारी दशहरे पर घी के दिए जलाएंगे ।

अच्छा ये बात नहीं समझ आयी कि जब सरकार इतना पैसा खर्च कर सकती है तो फिर कर्मचारियों का DA क्यों महीनों से रुका पड़ा है? उसका भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि DA का ही भुगतान कर दिया जाये तो ये राशि दी जा रही राशि से कहीं ज्यादा होती । फिर इस स्कीम का लाभ लेने के लिए इतने ज्यादा व् अव्यवहारिक नियम बनाए गए हैं कि अंततः इसका कोई लाभ मिलेगा इसमें संदेह है ।

यदि बाजार में मांग की इतनी ही चिंता वित्त मंत्रालय को हो रही है तो पिछले तीन सालों से अटके पड़े बैंकर्स के वेतन बढ़ोत्तरी प्रस्ताव को लागू क्यों नहीं किया गया? अब जरूर यह तय होने के काफी नजदीक है लेकिन क्या इसके लिए भी त्यौहारों का इंतजार किया जा रहा था । यदि इनका वेतन लागू हो गया होता तो ये 10 लाख बैंकर्स भी तो बाजार में मांग बढ़ाने का काम करते ।

इससे पहले जो राहत पैकेज घोषित किया गया था उसके भी बहुत सकारत्मक परिणाम हों ऐसा नहीं दिखता । क्योंकि हमारे नीति नियंता हमें गोल गोल घुमा देते हैं । जनता समझ ही नहीं पाती कि उसकी जेब में दिया जा रहा है या फिर जेब से लिया जा रहा है । एक बड़े अख़बार ने आज ये तो छापा कि सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिली लेकिन उस सौगात के नियम उसने पूरे अख़बार में कहीं नहीं छापे । आधी अधूरी खबर छाप कर ये अख़बार वाले किसको फायदा पहुँचाना चाहते हैं???

खैर जो भी हो लेकिन ये तो तय है कि ऐसी सौगातों से न तो कर्मचारियों का भला होने वाला है न ही जनता का या फिर अर्थव्यवस्था का । हमें कहीं ज्यादा संवेदनशील और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है ।

By- Nitendra Verma

No comments:

Post a Comment