अथश्री डींगेंमार कथा
डींगे हांकने वाले हर जगह मिल जाते हैं | इनको कहीं ढूँढने
नही जाना पड़ता | जरुरत हो या न हो ये हर जगह पहुँच ही जाते हैं | इनकी सूंघन शक्ति
कमाल की होती है | इन्हें हम कुछ और नामों से जानते हैं जैसे फेंकने वाले या फेंकू
, बतरंगना , हांकू आदि | अपने हर नाम को अपने कामों से पूरी तरह चरित्रार्थ करते
हैं ये लोग | इनका जीवन बड़ा ही मजेदार और ज्ञानवर्धक होता है |
डींगे
हांकना किसी एक की आदत नहीं होती | हम सब इस खूबी के शिकार हैं | बस किसी के अन्दर
ये कम होती है तो कुछ के अन्दर कूट कूट के भरी होती है | यह पोस्ट समर्पित है ऐसे
ही लोगों को जिनके अन्दर डींगे हांकने की खूबी कूट कूट के भरी होती है | जरा इनकी
कुछ खूबियों पर गौर फरमाएं | अव्वल तो ये हमेशा अपने बारे में बढ़ा चढ़ा कर बताते
हैं | जैसे फलां फलां लोगों से जान पहचान या फलां फलां जगह पहचान | लोकल विधायक या
सांसद तो इनके लंगोटिया यार लगते हैं | आल इंडिया के इतने कोनों में इनका दखल होता
है कि इंडिया का नक्शा भी शर्मा जाये | अगर आप इनके सामने दो मिनट भी खड़े हो गए तो
ये ऐसा ज्ञान बांच देंगे कि आपको अपने ज्ञान पे शक होने लग जायेगा | इन लोगो के
सामने बोलने का अधिकार देश का संविधान भी नहीं देता | हाँ अगर सुनने या झेलने की
सामर्थ्य आपके अन्दर है तो ऐसे लोग आपके लिए ही हैं |
ख़बरदार
जो आपने इनके सामने अपना ज्ञान उलीचने की कोशिश भी की | मुंह की खानी पड़ेगी | इनके
मुंह से निकला एक एक शब्द आई एस आई प्रमाणित होता है | कोई खुद को कितना भी तीस
मार खां क्यूँ न समझे इनके सामने खड़ा ना हो पायेगा | लोगों को आकर्षित करने की
जादुई शक्ति होती है इनके अन्दर | पार्टी या शादी – ब्याह में तो मुहमांगी मुराद
मिल जाती है | क्यूंकि यहाँ श्रोता खोजने की जरुरत नहीं पड़ती | यहाँ तो बस छोड़ते
रहिये लपेटने वाले तमाम मिल जायेंगे | मेरे हिसाब से तो ऐसे लोगों के बड़े बड़े
कॉलेजों में गेस्ट लेक्चर्स होने चाहिए क्योंकि इनके पास हर सवाल का जवाब मौजूद
रहता है | किसी के तर्क इनके सामने काम नहीं करते |
किसी
विद्वान ने कहा है कि अगर झूठ भी बोलना है तो सामने वाले की आँखों में ऑंखें डाल
के बोलो | इस सूत्र वाक्य का प्रयोग इन डींगे मारने वालों से बेहतर कोई नहीं करता
| लाख झूठ बोलेंगे लेकिन ऐसे आँखों में ऑंखें डाल के बोलेंगे कि सामने वाले की
आंखे झुक जाएँ | बेधड़क बेख़ौफ़ | क्या हो अगर दो डींगेमार एक जगह मिल जाएँ फिर तो एक नया ही
समां बंध जायेगा | इन लोगों के बीच एक बढ़िया कॉम्पटीशन भी आयोजित करवाया जा सकता
है | आजकल वैसे भी टीवी चैनेलों में तरह तरह के कार्यक्रमों की बाढ़ आयी हुई है | इन लोगों के टैलेंट को देश दुनिया के सामने लाने
के लिए टी वी प्रोग्राम शुरू किया जा सकता है ‘कौन बनेगा सबसे बड़ा डींगेंबाज’ |
यकीन जानिए जबरदस्त टी आर पी मिलेगी | डींगेबाजी एक कला है हुनर है हमें इस हुनर
को मौका देना ही होगा | इससे लोगों का मुफ्त में मनोरंजन होता है | यदि आपका टाइम
पास न हो रहा हो तो अपने किसी डींगेंबाज मित्र को पकड़ लीजिये समय कैसे गुजर जायेगा
आपको पता भी नहीं चलेगा |
कुछ
लोग तो इसे साइंस मानते हैं | उनका कहना है कि जिस तरह स्कूलों में भौतिक विज्ञान,
रसायन विज्ञान पढ़ाया जाता है उसी तरह डींगेमार विज्ञान भी पढ़ाया जाये | इस विज्ञान
के गूढ़ जानकार तो ये भी कहते हैं कि इसे नोबल पुरस्कारों की सूची में शामिल किया
जाना चाहिए ताकि समाज में इन डींगेमारों को यथोचित स्थान व सम्मान मिल सके | अगर
ऐसा होता तो आज तक न जाने कितने लोगों को यह पुरस्कार मिल चुका होता और हम उनकी
जीवनियाँ पढ़ रहे होते |
शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जो इन
हांकू लोगों से अछूता हो | राजनीति का तो आधार ही इन लोगों पर टिका है | इस कला के
बलबूते तमाम लोग सालों से राज कर रहें हैं | फ़िल्मी जगत में तो हर कोई फेंकू ही
लगता है | किसी भी हीरो या हिरोइन से पूछिये वह हमेशा उस निर्देशक , कलाकार को
सबसे अलग , सबसे अच्छा बताएगा जिसके साथ उसकी नयी फिल्म आ रही है | इनकी माने तो
इनकी कोई भी फिल्म कभी फ्लॉप नहीं होती | अगर गलती से कोई मान भी ले तो ये जोड़ना
नहीं भूलते कि फिल्म भले ही न चली हो लेकिन मेरे काम की तारीफ सभी ने की | सरकारी
से लेकर प्राइवेट दफ्तर तक फेंकूओं से भरे पड़े हैं | हाँ सरकारी दफ्तरों में इनकी
संख्या कुछ ज्यादा रहती है | वैसे भी आजकल मोदी सरकार ने कामकाज पे जोर दे रखा है
तो दफ्तरों में जिनके पास कोई काम नहीं है वो बातें रंगने का काम कर रहे हैं | आखिर
ये भी काम है और इसमें तो दिमाग भी लगता है |
डींगे हांकने वाले दुकानों में
सेल्समेन के रूप में बहुतायत में पाए जाते हैं | अगर आप अपनी श्रीमती जी के साथ
कपड़ों की शौपिंग करने गए हैं तो ये लोग पूरा बालीवुड आपके सामने खड़ा कर देंगे | ये
साड़ी अमुक फिल्म में करीना कपूर ने पहनी है, ये सूट फलां टीवी सीरियल में फलां ने
पहना था | ऐसा लगता है पूरा बॉलीवुड इन्ही की दुकान से चलता है | भले ही मालूम हो
या न हो लेकिन हांकना जरुरी है | ऐसे ही मेरे एक मित्र अपनी श्रीमती जी के साथ
साड़ी खरीदने गए | साड़ी दिखाने वाले सेल्समेन की उम्र से साफ़ पता चल रहा था कि उसे
फिल्मों की जानकारी कम रही होगी | नयी हीरोइनों का तो शायद नाम भी न सुना होगा |
लेकिन कस्टमर को अट्रैक्ट करने के लिए तो ज्ञान दिखाना जरुरी है | साड़ी दिखाते
वक्त मुस्कुराते हुए बोले ये साड़ी फलां पिक्चर में सनी लिओनी ने पहनी है | मित्र
ने मुस्कुरा के पुछा दादा सनी लिओनी साड़ी भी पहनती है ?
डींगे हांकने वालों का समाज में बड़ा
ही महत्वपूर्ण स्थान है | समाज के विकास में इनका योगदान अतुलनीय है | इनके बिना
समाज की कल्पना नहीं की जा सकती | इन्हें खुद से ज्यादा समाज की चिंता रहती है |
हम सभी को इन फेकुओं से सीखने की जरुरत है | इनकी तारीफ में जितना भी लिखा जाये कम
है | इनके कारनामे अनगिनत हैं | यह मेरा एक छोटा सा प्रयास था डींगे हांकने वालों
के लिए कुछ लिखने का | फिर भी यदि तारीफ में कुछ कमी रह गयी हो तो इसके लिये माफ़ी
चाहूँगा | जब भी समय मिलेगा मैं फिर से इस विषय पर लिखने की कोशिश करूँगा तब तक के
लिए डींगे हांकते रहिये , बातें रंगते रहिये , फेंकते रहिये .... डींगेंमारों
तुम्हे सलाम !
Khayali
Pulao By : Nitendra Verma
Date:
July 29, 2014 Tuesday
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